पशुपालक डेयरी फार्म पर पशुधन संबंधित सभी जानकारियों को समय-समय पर रजिस्टर में रिकॉर्ड करते रहते हैं इन्हें ही पशुधन अभिलेखन या डेयरी फार्म रिकॉर्ड कहां जाता है ।
पशुधन अभिलेखन या डेयरी फार्म रिकॉर्ड (dairy farm records details in hindi) बनाने से पशुओं के बारे में, दूध उत्पादन के बारे में, प्रजनन के बारे में आदि की जानकारी पशु पालकों के पास रहती है ।
पशुधन अभिलेखन या डेयरी फार्म रिकॉर्ड क्या है एवं इसका महत्व लिखिए? | dairy farm records details in hindi
एक पशुपालक को डेरी फार्म पर रखे जाने वाले विभिन्न अभिलेखों से समय - समय पर दुग्ध - व्यवसाय से होने वाले लाभ हानि तथा अन्य विभिन्न जानकारियों जैसे - पशुओं का उत्पादन, पशुओं को दिये जाने वाले आहार की मात्रा, पशु वंशावली, पशु प्रजनन आदि के बारे में सही - सही ज्ञान हो जाता है ।
पशुधन अभिलेखन या डेयरी फार्म रिकॉर्ड क्या है इसका महत्व एवं उद्देश्य लिखिए |
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डेरी फार्म अभिलेखों का विवरण | dairy farm records details in hindi
एक आदर्श डेरी फार्म पर निम्नांकित मुख्य अभिलेख रखे जाते हैं -
- पशु स्टॉक रजिस्टर ( Live Stock Register )
- दुग्ध उत्पादन रजिस्टर ( Milk Produce Register )
- दुग्ध वितरण रजिस्टर ( Milk Distribution Register )
- पशु गर्भित होने का रजिस्टर ( Cattle Service Register )
- सांड सेवा रजिस्टर ( Bull Service Register )
- पशु ब्याने का रजिस्टर ( Animal Calving Register )
- ब्यांत उत्पादन रजिस्टर ( Lactation Produce Register )
- पशु स्वास्थ्य रजिस्टर ( Animal Health Register )
- बछड़ो का रजिस्टर ( Calf Register )
- खाद्य पदार्थ प्राप्त रजिस्टर ( Feeds Stock Register )
- बछड़ों का आहार रजिस्टर ( Calf Feeding Register )
- पशु भार रजिस्टर ( Cattle Weight Register )
- पशु आहार रजिस्टर ( Cattle Feeding Register )
- उपस्थिति एवं वेतन रजिस्टर ( Attendance and Pay Register )
- पशु वृत्तपत्र ( Cattle History Sheet )
- पशु वंशावली रजिस्टर ( Cattle Pedigree Sheet )
- आय एवं व्यय रजिस्टर ( Income and Expenditure Register )
दुग्ध अभिलेखन के क्या लाभ है? | advantages of milk recording in hindi
दुग्ध अभिलेखों के प्रमुख लाभ निम्नलिखित है -
- दुधारू पशुओं का विशेष रूप से सांड का चयन
- सन्तति परीक्षण
- चयनात्मक प्रजनन
- पशुओं को सन्तुलित आहार
- अधिक चारा उत्पादन
- पशुओं से सम्पर्क
- पशु का उचित मूल्य
- वंशावली अनुरक्षण
- व्यक्तिगत गर्व एवं लगन
- केन्द्रीय गोवृन्द रजिस्टर
जैसा कि पहले भी उल्लेख किया जा चुका है कि विभिन्न प्रकार के रजिस्टर केवल राजकीय तथा कुछ निजी (प्राइवेट) डेरी फार्मों पर ही रखे जाते हैं । दुग्ध अभिलेखन तो केवल कुछ ही डेरी फार्मों पर किया जाता है । गाँवों में भी कृषक अपने दुग्ध उत्पादन का कोई हिसाब किताब नही रखते हैं ।
यदि उन्हे अपने एक या दो पशुओं का दूध किसी डेरी या दूधिया को बेचना है तो वह अवश्य अपने दूध का हिसाब रखते हैं ताकि दूध का भुगतान लेते समय कोई त्रुटि न रहे ।
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दुग्ध अभिलेखन से निम्नलिखित लाभ होते हैं -
1. दुधारू पशुओं का विशेष रूप से सांड का चयन -
दुग्ध अभिलेखन करने से सांड तथा अन्य दुधारू पशुओं के चयन में अधिक सुविधा होती है । जिस सांड की संतान तथा माता ने सबसे ज्यादा दूध उत्पन्न किया हो वह सांड अन्य सांडों की अपेक्षा अधिक अच्छा माना जाता है क्योंकि उनमें अधिक दुग्ध पैदा करने के गुण उपस्थित हैं ।2. सन्तति परीक्षण ( Progeny Test ) -
दुग्ध अभिलेखन द्वारा सांड की अपनी सन्तति (progeny) में दुग्ध उत्पादन के गुण स्थानान्तरण (transfer) करने की क्षमता का भली - भांति अनुमान हो जाता है । यह अनुमान एक ही सांड से पैदा हुई कम से कम पाँच गायों के दुग्धोत्पादन अभिलेखन से सिद्ध हो जाता है । इसके साथ ही सांड की माँ का भी दुग्धोत्पादन अभिलेखन मिल जाये तो फिर सांड से उत्पन्न गायों के अभिलेखन से तुलना भी हो जाती है ।3. चयनात्मक प्रजनन ( Selection Breeding ) -
दुग्ध अभिलेखन (milk recording) अच्छी तथा चयनात्मक प्रजनन (selective breeding) में भी अधिक सहायक होता है । कुछ पशु ऐसे होते हैं जो थोड़ी ही अवधि में अधिकं दूध दे देते हैं तथा अचानक उनके दूध उत्पादन की क्षमता कम हो जाती है । पशु पालक झूठा अनुमान लगा बैठता है यह पशु अच्छे दुग्ध उत्पादक हैं । परन्तु पूरे व्यांत में लगातार एक ही मात्रा में दूध देने वाले पशु हालांकि देखने में अच्छे नहीं लगते हैं परन्तु कुल दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से यह पशु पहले पशुओं से अधिक अच्छे होते हैं । ऐसे पशुओं का ठीक प्रकार से प्रजनन करके दुग्ध उत्पादन क्षमता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है ।4. पशुओं को सन्तुलित आहार ( Balanced Ration ) -
दुग्ध अभिलेखन (milk recording) के ठीक प्रकार से रखने से प्रत्येक पशु को उसकी आवश्यकतानुसार सन्तुलित आहार खिलाने में सहायता मिलती है । पशु के दूध उत्पादन के अनुसार रातव तथा चारे की मात्रा भी कम अथवा अधिक की जा सकती है । वैज्ञानिकों का मत है कि यदि दूध देने वाले पशुओं को स्वादिष्ट तथा नियमित आहार खिलाया जाय तो उनके दुग्धोत्पादन की क्षमता भी बढ़ जाती है । सन्तुलित आहार खिलाने से चार की मात्रा को नष्ट होने से बचाया जा सकता है तथा खर्चों में भी कमी की जा सकती है । ऐसा अनुमान है कि दुग्धोत्पादन का 60 से 70 प्रतिशत खर्चा केवल चारों पर होता है ।5. अधिक चारा उत्पादन -
दुग्ध उत्पादन के द्वारा पशुपालक को अच्छे एवं स्वादिष्ट हरे चारे उगाने का शौक पैदा हो जाता है, क्योंकि वह सोचता है कि अच्छे एवं अधिक हरे चारे खिलाने से पशु की दुग्धोत्पादन क्षमता बढ़ती है । फलस्वरूप उसे डेरी फार्म से अधिक अच्छे हरे चारे उगाने की प्रेरणा मिलती है ।6. पशुओं से सम्पर्क –
दुग्ध अभिलेखन से दूध देने वाले पशुओं से पशुपालक का निकट का सम्बन्ध स्थापित हो जाता है, क्योंकि उसे प्रत्येक दूध देने वाले पशु के विषय मे अलग अलग सम्पर्क बनाये रखने का अवसर मिलता है । यदि किसी पशु ने कम दूध दिया है तो पशुपालक को शीघ्र ही पता चल जाता है कि अमुक पशु ने दूध कम क्यों दिया है । यदि यह कमी पशु के अस्वस्थ होने के कारण हुई है तो उसका तुरन्त इलाज करता है और अगर यह कमी पशु का ठीक चारा अथवा रातब न देने के कारण हुई है तो वह पशु के आहार की ओर अधिक ध्यान देता है ।7. पशु का उचित मूल्य -
यदि पशु को बेचना हैं तो ऐसे पशु का अधिक मूल्य मिलता है जिसको दुग्धोत्पादन अभिलेखन रखा जाता है क्योंकि ग्राहक स्वयं पशु तथा उसकी माँ का अभिलेखन देखकर उचित मूल्य । लगाता है । यदि पशु का दुग्धोत्पादन अभिलेखन (milk recording) नहीं है तो पशु के बाह्य गुण तथा शरीर देखकर ही उसे खरीद लिया जाता है, जिसके कारण कभी - कभी मनुष्य को धोखा भी हो जाता है ।8. वंशावली अनुरक्षण ( Maintenance of pedigree ) -
डेरी के सभी पशुओं में वंशावली अनुरक्षण सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है । दुग्ध अभिलेखन से पशु के माता - पिता, दादा - दादी तथा नाना - नानी सभी का दुग्धोत्पादन वंशावली में लिखा होता हैं । जिस पशु की वंशावली नहीं होती है उसे अज्ञात कुल (non - descript) पशु कहा जाता है । ऐसे पशु की कोई कीमत नहीं होती है तथा कोई पशु पालक उसे खरीदना नहीं चाहेगा ।9. व्यक्तिगत गर्व एवं लगन -
डेरी फार्म पर प्रत्येक दूध देने वाले पशु का दुग्ध अभिलेखन रखने से पशुपालकन को अपने पशुओं का समूह का पूरा - पूरा ज्ञान होता है तथा वह अपने झुण्ड (herd) पर गर्व अनुभव करता है । अच्छे दुग्धोत्पादन पशु रखने का शौक उसे लग जाता है, फलस्वरूप वह “गोपाल रत्न" की पदवी लेने की ओर अग्रसर होने लगता है ।10. केन्द्रीय गोवृन्द रजिस्टर ( Central Herd Book ) -
पशुपालक को यदि केन्द्रीय गोवृन्द रजिस्टर में अपने पशुओं का पंजीकरण कराना है तो उसे अपने दूध देने वाले सभी पशुओं का दुग्धोत्पादन अभिलेखन रखना अति आवश्यक होता है, इसकी अनुपस्थिति में पंजीकरण होना असम्भव होता है ।इसलिये प्रत्येक डेरी फार्म पर रखे जाने वाले अभिलेख (records) वहाँ की सही जानकारी प्रस्तुत करते हैं ।
डेरी फार्म पर लेखा रखने के उद्देश्य बताइये? | purpose of dairy farm records in hindi
फार्म अभिलेखों के रखने के निम्नांकित चार उद्देश्य हैं -
- फार्म मालिक को पशु अभिलेखों से पशुओं के बारे में समय - समय पर पूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती है ।
- पशुओं के चयन तथा बेकार पशुओं के निष्कासन में ये अभिलेख सहायक होते हैं ।
- डेरी फार्म के संचालन तथा भविष्य के लिये योजनायें तैयार करने में फार्म रिकॉर्ड सहायक होते हैं ।
- डेरी फार्म पर होने वाले लाभ - हानि का विवरण इनमें हर समय तैयार रहता है ।
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इतिवृत तथा वंशावली अभिलेख में क्या अन्तर है?
पशु इतिवृत तथा वंशावली अभिलेख में अन्तर -
पशु इतिवृत - पशुइतिवृत (हिस्ट्रीशीट) में किसी एक पशु का स्वंय का ही सम्पूर्ण विवरण दिया जाता है जिसके द्वारा ऐसे पशु विशेष की पूरी जानकारी प्राप्त हो जाती है ।इस अभिलेख में पशु के माता - पिता का विवरण तो होता है लेकिन शेष अन्य पूर्वजों की कोई जानकारी नहीं होती । इस अभिलेख से पशु के क्रय - विक्रय तथा अलाभकारी पशु के निष्कासन में सहायता मिल जाती है ।
पशु वंशावली अभिलेख -
वंशावली अभिलेख में किसी पशु विशेष की स्वंय के वंश की तीन - चार पिछली पीढ़ियों जैसे माता - पिता, दादा - दादी, नाना - नानी आदि का पूर्ण विवरण दिया होता है ।
वंशावली अभिलेख से किसी पशु की भविष्य की क्षमताओं जैसे उत्पादन, कार्य एवं गुणों आदि का आंकलन आसानी से किया जा सकता है ।
चूंकि वंशानुगत नियमानुक्रम से पूर्वजों के गुण तथा अवगुण सन्तान में हस्तान्तरित होते है । कम उत्पादन क्षमता या रोगग्रस्त होने की आशंका आदि अवगुणों के आधार पर पशु का शीध्र निष्कासन सम्भव हो जाता है ।
अत: वशांवली अभिलेख पशुपालक के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है ।
वंशावली अभिलेख का स्पष्ट उल्लेख कीजिए?
वंशावली अभिलेख (पे डिग्री रिकॉर्ड)
डेरी फार्म के विभिन्न पशुओं के विषय में यह एक महत्वपूर्ण अभिलेख होता है जिसमें प्रत्येक पशु के पूर्वजों जैसे माता - पिता, दादा - दादी, नाना - नानी आदि का पूर्ण विवरण अंकित होता है ।अतः किसी पशु की निकटतम सम्बन्धित तीन - चार पीढ़ियों की पूर्ण जानकारी की सूची को वंशावली अभिलेख कहते हैं ।
वंशावली का महत्व -
किसी पशु की वंशावली देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह भविष्य में कैसा पशु बनेगा क्योंकि अगली पीढ़ी की सन्तान में माता - पिता तथा पूर्वजों के गुण हस्तान्तरित होते हैं ।अत: पूर्वजों के अच्छे गुणों के आधार पर ही पशुओं का चयन किया जाता है तथा अवगुणों के आधार पर उनका निष्कासन भी सम्भव होता हैं पशुओं में पीढ़ी दर पीढ़ी चले आने वाले रोगों की जानकारी भी इस अभिलेख से मिल जाती है ।
अत: डेरी फार्म पर यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण अभिलेख माना जाता है ।