देसी गाय और विदेशी गाय की नस्लों में अंतर ( Difference between Desi cow and Exotic cow breeds )
भारत में पाई जाने वाली देसी गाय और विदेशी गाय की नस्लों में अंतर स्पष्ट करना सरल है, परंतु कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है।
गौपशुओं की नस्लों में अंतर स्पष्ट दिखाई देता है, देसी गाय की नस्लों में कूबड़ पाया जाता है, परंतु विदेशी गाय की नस्लों कूबड़ नहीं पाया जाता है।
नस्ल किसे कहते है?
नस्ल - ऐसा पशु समूह जिसकी उत्पत्ति, शारीरिक बनावट एवं आकारिकी समान हो एक नस्ल कहलाती है ।
विश्व में गाय की कितनी नस्लें पाई जाती है?
सम्पूर्ण विश्व में पालतू पशुओं की लगभग 3,217 नस्लें पायी जाती हैं, जिनमें गौ पशुओं की 960 नस्लें पाई जाती हैं ।
गौपशुओं की नस्लों का वर्गीकरण
विश्व में पाई जाने वाली गौ पशुओं की नस्लों का संक्षिप्त वर्गीकरण अग्र तालिका में दर्शाया गया है -
गौपशुओं की नस्लें - भारत में गौ पशुओं की 30 नस्लें पायी जाती हैं, इनके अलावा भी विभिन्न क्षेत्रीय एवं नई विकसित नस्लें भी है जिनका विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं है ।
इन्हे भी देखें
गौपशुओं की नस्लों में क्या अंतर है?
विश्व की सभी नस्लों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है -
1. देसी नस्लें या कूबड़धारी नस्लें (Humped or Zebu Breeds)
गाय की नस्लों में कूबड़ पाया जाता है, इसलिए इन्हें कूबड़धारी नस्लें भी कहा जाता है।
2. विदेशी नस्लें या कूबड़रहित नस्लें ( Nonhumped or Exotic Breeds )
विदेशी गाय की नस्लों में कूबड़ नहीं पाया जाता है, इसलिए इन्हें कूबड़रहित नस्लें भी कहा जाता है।
देसी गाय और विदेशी गाय की नस्लों में क्या अन्तर है?
1. देसी गाय की गर्दन एवं कमर के बीच तथा स्कंध के ऊपर एक भारी चर्बीयुवत मांसल रचना होती है , जिसे ककुद या कूबड़ ( Hump ) कहते हैं इसलिए देसी गाय की नस्लों को कूबड़धारी नस्लें (Humped or Zebu Breeds) कहा जाता है।
2. देसी गाय के गले के नीचे त्वचा की एक भारी परत होती है, जिसे गलकंबल ( Dewlap ) कहते हैं ।
3. देसी गाय के पुढे ढालू होते हैं, जबकि विदेशी गाय की नस्ल में समतल होते हैं ।
4. देसी गाय में पुच्छ शीर्ष ( Root of tail ) पिन - अस्थियों के बीच दबा हुआ रहता है, जबकि विदेशी गाय की नस्ल में यह उभरा हुआ होता है ।
5. कूबड़धारी पशुओं का मुतान ( Sheath ) काफी बड़ा होता है ।
6. देसी गायों का अयन बहुत छोटा होता है, जबकि विदेशी गाय की नस्लों वाली दुधारू गायों का अयन बड़ा तथा सुविकसित होता है ।
7. कूबड़धारी पशुओं की त्वचा मोटी तथा ढीली होती है, जबकि बिना कूबड़ वाले पशुओं की त्वचा पतली तथा कसी हुई होती है ।
8. विदेशी नस्ल की गायों की कमर सीधी होती है, जबकि देसी गाय की नस्लों की झुकी हुई होती है ।
9. विदेशी नस्ल की गायों के सींग सीधे तथा बाहर की ओर निकले होते हैं , जबकि देसी गाय की नस्लों के सींग ऊपर की ओर निकले होते हैं ।
इन्हे भी देखें
1. देसी गाय की ऊंचाई अधिक होती है
2. देसी गाय कूबड़ पाया जाता है।
3. देसी गाय में मुतान प्राय: लटका का होता है।
4. देसी गाय तेज, ऊंची आवाज में रम्भाते है।
5. देसी गाय का दूध उत्पादन 6 से 8 किलोग्राम प्रति दिन होता है।
6. देसी गाय के दूध में वसा की अधिक मात्रा पाई जाती है।
7. देसी गाय का प्रथम बच्चा लगभग 3 वर्ष 4 माह से 3 वर्ष 9 माह के बीच होता है।
8. देसी गाय का पुट्ठा ढालू होता है।
1. विदेशी गाय की ऊंचाई कम होती है।
2. विदेशी गाय में कूबड़ नहीं पाया जाता है।
3. विदेशी गाय का मुतान प्राय: खींचा हुआ होता है।
4. विदेशी गाय की आवाज बारीक तथा मंद होती है।
5. विदेशी गाय का दूध उत्पादन 15 से 30 किलोग्राम प्रति दिन होता है।
6. विदेशी गाय के दूध में वसा की मात्रा कम होती है।
7. विदेशी गाय का प्रथम बच्चा लगभग 2 वर्ष 3 माह से 2 वर्ष 6 माह के बीच होता है।
8. विदेशी गाय पुट्ठा सीधा सपाट होता है।
इन्हे भी देखें
देसी गाय तथा विदेशी गाय में अंतर
देसी गाय ( Desi cow )
1. देसी गाय की ऊंचाई अधिक होती है
2. देसी गाय कूबड़ पाया जाता है।
4. देसी गाय तेज, ऊंची आवाज में रम्भाते है।
5. देसी गाय का दूध उत्पादन 6 से 8 किलोग्राम प्रति दिन होता है।
6. देसी गाय के दूध में वसा की अधिक मात्रा पाई जाती है।
7. देसी गाय का प्रथम बच्चा लगभग 3 वर्ष 4 माह से 3 वर्ष 9 माह के बीच होता है।
8. देसी गाय का पुट्ठा ढालू होता है।
विदेशी गाय ( Extotic cow )
1. विदेशी गाय की ऊंचाई कम होती है।
2. विदेशी गाय में कूबड़ नहीं पाया जाता है।
3. विदेशी गाय का मुतान प्राय: खींचा हुआ होता है।
4. विदेशी गाय की आवाज बारीक तथा मंद होती है।
5. विदेशी गाय का दूध उत्पादन 15 से 30 किलोग्राम प्रति दिन होता है।
6. विदेशी गाय के दूध में वसा की मात्रा कम होती है।
7. विदेशी गाय का प्रथम बच्चा लगभग 2 वर्ष 3 माह से 2 वर्ष 6 माह के बीच होता है।
8. विदेशी गाय पुट्ठा सीधा सपाट होता है।