पशुपालन संबंधित योजनाएं एवं पशुपालन योजना से लाभ ( Animal husbandry scheme and Benefits Animal Husbandry Scheme )
कृषि (एग्रीकल्चर) को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पशुपालन संबंधित योजनाएं चलाई जाती है, जिससे किसानों को समय आने पर उन समस्त योजनाओं से लाभ प्राप्त हो सके ।
भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है । भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन (animal husbandry in hindi) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसका मुख्य कारण यह है कि भारतीय कृषि जनशक्ति की अपेक्षा पशुशक्ति पर आधारित रही है ।
आदि काल से ही पशुधन (Livestock in hindi) आजीविका अर्जन का मुख्य स्त्रोत रहा है । भारत में विश्व के सबसे अधिक पशु पाये जाते हैं ।
पशुपालन संबंधित योजनाओं की जानकारी (Animal husbandry scheme)
पशुपालन संबंधित योजनाएं की शुरुआत
18 वीं पशुधन गणना 2008 के अनुसार विश्व की कुल भैसों का लगभग 57 प्रतिशत भाग तथा गाय - बैलों ( Cattle ) का लगभग 16 प्रतिशत भाग भारत में पाया गया ।
2008 की इस गणना के अनुसार भारत में लगभग 19.9 करोड़ गाय - बैल तथा 10-53 करोड़ भैंसे थी । वर्तमान में भारत विश्व के अन्तर्गत दूध उत्पादन करने वाला पहला बड़ा देश है ।
भारत में उत्तर प्रदेश , राजस्थान , हरियाणा , महाराष्ट्र , गुजरात , आन्ध्र प्रदेश , कर्नाटक एवं तमिलनाडु अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक राज्यों ( Surplus Milk States ) की श्रेणी में आते हैं । भारत में दुग्ध उद्योगों का तेजी से विकास हो रहा है ।
वर्ष 1996-97 में पशुधन क्षेत्र से सम्बन्धित उत्पादों के निर्यात से 792 करोड़ रूपये की आय हुई जो वर्ष 1998-99 में बढ़कर 1925 करोड़ हो गई । पशुपालन एवं दुग्ध उद्योग लगभग 22-45 मिलियन टक्तियों को रे नगार प्रदान करता है ।
इन्हें भी देखें
पशुपालन सम्बंधित योजनाएं एवं उनसे होने वाले लाभ (Knowledge of animal husbandry schemes and benefits from them)
भारत में पशुधन एवं दुग्ध उत्पादन के विकास से सम्बन्धित विभिन्न योजनायें चलाई गई हैं ।
प्रमुख योजनाये निम्न हैं -
1. मूल ग्राम योजना ( Kcy village scheme )
2. सघन पशु विकास योजना ( Intensive animal development scheme )
3. गोशाला विकास योजना ( Goshla vikas yojana )
4. सघन दुग्ध उत्पादन कार्यक्रम ( Intensive Dairy Development Programme )
5. मिलिट्री डेयरी फार्म ( Military Dairy Farm )
6. अखिल भारतीय समन्वित गो - पशु अनुसंधान योजना ( All India Coordinated Research Scheme on Cattle )
7. आपरेशन फ्लड परियोजना ( Operation Flood Scheme )
पशु विकास के लिये भारत सरकार के प्रयासों के अतिरिक्त विदशों से सहायता प्राप्त कर विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं जिनका उद्देश्य पशुओं का नसलों में सुधार करना एवं अधिक दूध देने वाली नस्लों को विकसित करना है, विदेशी सहायता प्राप्त कुछ योजनाये निम्न प्रकार हैं -
1. इण्डो - स्विश परियोजना ( Indo - swiss project )
2. इण्डो - जर्मन परियोजनाएँ ( Indo - German projects )
3. इण्डो - डैनिश परियोजना ( Indo - danish projects )
4. इण्डो - आस्ट्रेलियन परियोजना ( Indo - Australian projects )
भारत में यद्यपि गायों की संख्या अधिक है फिर भी दूध का अधिकतम भाग भैसों ( Buffalo ) द्वारा उत्पन्न किया जाता है । भैसों के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए भैंसों के विकास के लिए एक समन्वित अखिल भारतीय योजना प्रारम्भ की गई ।
अखिल भारतीय समन्वित भैंस अनुसंधान परियोजना को निम्न चार केन्द्रों पर चलाया जा रहा है
1. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय , लुधियाना ( पंजाब )
2. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान , करनाल ( हरियाणा )
3. कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय ( UAS ) धारवाड़ ( कर्नाटक )
4. कृषि विश्वविद्यालय , उदयपुर केन्द्र , बल्लभनगर ( राजस्थान )
उक्त सभी पशु विकास सम्बन्धी योजनाओं के अतिरिक्त भी कुछ अन्य योजनाएं चलाई जा रही हैं -
1. चारा तथा चारागाह विकास योजना ( Fodder and Grassland Development Scheme )
2. बछड़ा पालन योजना ( Calf Rearing Scheme )
3. गोसदन योजना ( Gosadan Yojna )
4. कृषि उपोत्पादों व छीजन सामग्रियों से पशु आहार योजना ( Animal Feed from Agro - Industrial By- Products and Wastes scheme )
5. पशुधन बीमा योजना ( livestock insurance Scheme )
इस प्रकार से भारत सरकार द्वारा पशुधन एवं दुग्ध उत्पादन के विकास के लिये प्रयास किया जा रहा है ।
दुग्ध उत्पादन की भावी मांग को देखते हुए ये प्रयास पर्याप्त नहीं हैं ।